टीम इंडिया के तेज गेंदबाज के रणजी में सेलेक्शन के लिए हुई लड़ाई, भिड़ गए थे कोच और कप्‍तान

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हाइलाइट्स

कोच ने टीम में जगह देने से कर दिया था इनकार
कप्‍तान ने संभाला मोर्चा, तब मिला खेलने का मौका

नई दिल्‍ली. कोलकाता नाइट राइडर्स की नजर आईपीएल में तीसरा खिताब जीतने पर है. टीम के खिलाड़ी इन दिनों जमकर पसीना बहा रहे हैं. कोलकाता के पेस अटैक की अहम कड़ी उमेश यादव भी तैयारियों में जुटे हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज में टीम इंडिया में शामिल रहे उमेश का क्रिकेट का सफर बेहतर उतार चढ़ाव भरा रहा है.

उमेश के पिता यूपी में कोयले की खदान में काम करते थे. हालांकि, उमेश की परवरिश नागपुर के पास एक गांव में हुई. अपने क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत से पहले उमेश यादव सेना और पुलिस में जाने की ख्‍वाहिश रखते थे, इसके लिए उन्‍होंने कोशिश भी की. अंतत: उन्होंने क्रिकेट की दुनिया को ही चुना. उमेश के लिए यह फैसला आसान नहीं था.

उमेश पहले टेनिस बॉल से खेलते थे. घरेलू क्रिकेट में विदर्भ की टीम में शामिल होने के बाद उन्‍होंने पहली बार लेदर की गेंद से बॉलिंग की. उस समय टीम के कप्तान प्रीतम गंधे ने उमेश में छिपे टैलेंट को बखूबी पहचाना और उनकी क्षमताओं को और बढ़ाने में मदद की.

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कोच को साबित किया गलत
उमेश यादव ने एक इंटरव्‍यू में बताया कि जब रणजी में मेरा सेलेक्‍शन होना था तो टीम के कोच और कप्‍तान के बीच ठन गई थी. कोच किसी वजह से तेज गेंदबाज से नाराज रहते थे और वह टीम में उन्‍हें लेने को राजी नहीं थे. उमेश के मुताबिक, तब कप्‍तान प्रीतम गंधे ने मुझ पर भरोसा दिखाया और कोच से मेरे लिए जिरह की. लंबी कहासुनी के बाद मैं रणजी टीम का हिस्सा बन पाया. मैंने अपने पहले ही सीजन में काफी विकेट हासिल किए, जिससे मुझे क्रिकेट में पहचान मिली.इसके लिए मैं कप्तान प्रीतम गंधे को कभी भूल नहीं सकता हूं.

Tags: IPL 2023, Kalkata knight riders, Team india, Umesh yadav



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