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सचिन तेंदुलकर ने कहा, ”एक पिता के तौर पर मैं वही करना चाहता हूं, जो मेरे पिता ने मेरे लिए किया. उन्होंने मुझे वह बनने की आजादी दी, जो मैं जीवन में बनना चाहता था. यह कभी नहीं था कि मैं एक लेखक हूं और आपको मेरे नक्शेकदम पर चलने की जरूरत है. तो अर्जुन के लिए भी यही बात थी. मैं एक क्रिकेटर हूं इसका मतलब यह नहीं है कि आपको क्रिकेट खेलना है. वह पहले फुटबॉल, शतरंज खेलने का आनंद लेता था और क्रिकेट अपने आप शुरू हो गया था. मैंने उसे इसके लिए मजबूर नहीं किया.” (Sachin Tendulkar/Instagram)
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