रणजी ट्रॉफी का पहला मुकाबला सिर्फ 1 दिन में हो गया खत्म, पारी और 23 रन से जीती टीम

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हाइलाइट्स

रणजी ट्रॉफी की शुरुआत 1934 में हुई थी.
एक मैच ऐसा था जिसका नतीजा पहले ही दिन निकल गया

नई दिल्ली. रणजी क्रिकेट का इतिहास बेहद शानदार और पुराना है. इस बार 88वें एडिशन की शुरुआत हो चुकी है. टूर्नामेंट के इस लंबे इतिहास के बीच कुछ ऐसे मुकाबले खेले गए हैं जिसका कोई जवाब ही नहीं. एक मुकाबला जो महज 1 दिन  में खत्म हुआ और मैच का नतीजा आया. गेंदबाजों के कहर के आगे बैटर घुटने टेकने पर मजबूर हुए थे.

रणजी ट्रॉफी के इतिहास का पहला मुकाबला जिसे हमेशा ही याद रखा जाएगा. मैच को याद रखने के पीछे वजह सिर्फ यह नहीं कि यह पहला मैच था बल्कि इसके पीछे की एक और वजह है. इस मुकाबले में जैसा खेल देखने को मिला उसने इसे रिकॉर्ड बुक में जगह दिला दी. रणजी इतिहास का पहला मुकाबला महज 1 दिन ही चला था और इसमें मैसूर जो अब कर्नाटक की टीम बन चुकी है वो मद्रास जो अब चेन्नई हो चुकी है उससे बुरी तरह से हारी थी.

महज 1 दिन में रणजी मुकाबला खत्म

ये सुनने में अटपटा लगे और यकीन करना मुश्किल हो लेकिन रणजी ट्रॉफी का पहला मुकाबला महज 1 दिन ही चल पाया था. 4 नवंबर 1934 को यह मुकाबला चेन्नई में खेला गया था. मद्रास (1970-71 के बाद तमिलनाडु हुआ नाम) की टीम ने इसे पारी और 23 रन से जीता था. मैसूर (1873 के बाद कर्नाटक हुआ नाम) की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 27.2 ओवर में महज 48 रन पर सिमट गई. एजे राम सिंह ने 13.2 ओवर में 19 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किए थे.
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जवाब में मद्रास की टीम महज 43 ओवर में 130 रन के स्कोर पर ही ऑलराउट हो गई. मैसूर विजयसारथी ने 8 ओवर की गेंदबाजी कर 23 रन खर्च कर 6 विकेट चटकाए. दूसरी पारी में जब मैसूर की टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो इस बार सिर्फ 59 रन पर ही ढेर हो गई. राम सिंह ने इस बार फिर 5 बैटर को अपना शिकार बनाया. शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन के दम पर महज 1 दिन में मद्रास यानी तमिलनाडु की टीम ने मुकाबला पारी और 23 रन से जीत लिया.

Tags: Ranji Trophy, Team india



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