Ishan kishan fastest to score double century in ODI How started wearing earrings stud when he was in 6th class know story

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हाइलाइट्स

ईशान किशन ने क्रिकेटर बनने के लिए कम उम्र में ही घर छोड़ दिया था
ईशान छठी क्लास में थे, तभी से उन्होंने कान में बाली पहनना शुरू कर दिया था
इससे जुड़ी एक दिलचस्प कहानी भी है, जो उन्होंने एक इंटरव्यू में बताई थी

नई दिल्ली. ईशान किशन (Ishan Kishan) ने कम वक्त में ही एक आक्रामक बैटर के रूप में अपनी पहचान बना ली है. ईशान ने पिछले साल बांग्लादेश दौरे पर वनडे का सबसे तेज दोहरा शतक ठोक दिया था. इसी प्रदर्शन के दम उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 टेस्ट की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की टीम में भी चुना गया. हालांकि, ईशान को अबतक खेलने का मौका नहीं मिला. लेकिन पहली बार ही सही, इस विकेटकीपर बैटर ने भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाई. ईशान ने क्रिकेटर बनने के लिए काफी संघर्ष किया. उन्होंने कम वक्त में ही घर छोड़ दिया था. कई बार भूखे पेट भी सोए. हालांकि, उनकी मेहनत को मुकाम मिल गया और आज वो टीम इंडिया की तरफ से खेल रहे हैं.

ईशान किशन बचपन से ही काफी शैतान हैं. उनकी हरकतों के कारण माता-पिता काफी परेशान रहते थे. बचपन में उन्होंने क्रिकेट खेलने के दौरान पड़ोसियों के घरों के कांच काफी फोड़े हैं. इसके लिए ईशान तो ठीक माता-पिता को भी काफी बातें सुनने को मिली. ईशान हार्दिक पंड्या और शिखर धवन की तरह कान में स्टड्स(बाली) पहने नजर आते हैं. कम ही लोगों को पता होगा कि वो जब छठी क्लास में थे, तभी उन्होंने कान छिदवा लिया था और उसी समय से ही वो कान में स्टड पहन रहे हैं. इससे जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा है.

ईशान ने कान में बाली पहनने के लिए अनोखा बहाना बनाया था
ईशान किशन ने एक बार क्रिकबज के शो स्पाइसी पिच पर कान में स्टड (बाली) पहनने की कैसे शुरुआत हुई थी, इससे जुड़ी कहानी साझा की थी. ईशान जब छठी क्लास में थे. तभी से उन्हें स्टड पहनने की इच्छा थी. पहले तो माता-पिता ने काफी मना किया. लेकिन जब ईशान जिद कर बैठे तो पिता ने इजाजत दे दी. हालांकि, इतनी कम उम्र में स्कूल में इसे पहनने की परमिशन नहीं थी. ऐसे में ईशान ने अपनी ख्वाहिश पूरी करने का तरीका निकाला. उन्होंने कान में बाली पहनने की अपनी इच्छा को पूरी करने के लिए जीते-जी ही अपने दादा को र्स्वगवासी बना दिया था.

ईशान ने क्रिकबज के इंटरव्यू में कहा था,”मैंने छठी क्लास में ही ईयर पियरसिंग करा ली थी. अब मुझे कान में स्टड (बाली) पहनना थी. इसके लिए स्कूल से परमिशन कैसे लूं, ये मेरा दिमाग में था. क्योंकि पटना में इस तरह का कल्चर नहीं था कि कोई लड़का कान में स्टड पहनकर घूमे. तो उन्होंने अपने पिता से कहा कि मुझे कोई बहाना लिखकर दीजिए जो मैं स्कूल में दिखा सकूं और स्टड पहन सकूं.

ईशान ने आगे बताया, “तब मुझे याद है कि मैंने स्कूल में स्टड पहनने के लिए एक अप्लीकेशन लिखी थी. उसमें ये बताया था कि ये मेरे दादाजी की आखिरी इच्छा थी. इसके बाद जो भी टीचर मुझे काम में बाली पहने देखते और टोकता तो मैं यही कह देता था कि ये दादाजी की आखिरी ख्वाहिश थी. इसके बाद टीचर भी कोई सवाल नहीं करते थे. दिलचस्प बात ये थी कि तब ईशान के दादाजी क्या परदादा भी जिंदा थे.”

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ईशान ने बचपन में मां से काफी मार खाई
इसके अलावा ईशान की एक आदत से मां काफी परेशान थी, जिसका खुलासा उन्होंने क्रिकबज के इस शो में किया था. मां ने बताया था कि बचपन में मैथ्स पढ़ाने के लिए एक टीचर घर आते थे. लेकिन वो पढ़ाई शुरू कराते, उससे पहले ही ईशान की कॉपी और बुक गुम हो जाती थी और आधा समय तो वो इसे ढूंढने में ही लगा देता था और ऐसा हर दूसरे दिन होता था. इस पर ईशान को डांट ही नहीं, मां से कई बार मार भी खानी पड़ी थी.

Tags: India vs Australia, Ishan kishan, Team india



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