Podcast: रोमांच के सातवें आसमान पर IPL, ‘मिस्‍टर भरोसेमंद’ बने शुभमन गिल, कोलकाता और हैदराबाद के बीच भिड़ंत आज

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प्ताह भर की क्रिकेट गतिविधियों को समेटे इस पॉडकास्ट के साथ मैं हाजिर हूँ, संजय बैनर्जी का नमस्कार- सुनो दिल से. शुभमन गिल उन बल्लेबाज़ों में हैं, जिनपर हमेशा भरोसा बनाए रखा जा सकता है. कल रात आईपीएल में पंजाब किंग्स के खिलाफ़ जब गुजरात टाइटंस को तीसरी जीत के लिए किसी भरोसेमंद बैटर की जरूरत थी, तो शुभमन गिल फिर टीम के काम आ गए.

सीजन की दूसरी अर्धशतकीय पारी की बदौलत गिल ने गुजरात को फिर से संयुक्त रूप से टॉप पर बने रहने मे मदद की. कप्तान हार्दिक पांड्या की वापसी हुई और उनकी मौजूदगी मे टीम ने अपना खोया हुआ रिदम फिर हासिल कर लिया. 2014 के परपल कैप विजेता मोहित शर्मा ने शानदार गेंदबाजी कर पंजाब किंग्स को केवल 153 रन पर रोक दिया. 

हालांकि, शमी महंगे साबित हुए. पंजाब की शुरुआत खराब रही और दोनों ओपनर प्रभसिमरन सिंह और कप्तान शिखर धवन के जल्दी लौटने के बाद गुजरात ने बाकी बल्लेबाजों को लंबा खेलने नहीं दिया. लक्ष्य बड़ा नहीं था, रिद्धिमान साहा के 30, शुभमन गिल के 67 और आखिर में डेविड मिलर के नाबाद 17 रन की बदौलत गुजरात को यह लक्ष्य हासिल करने मे परेशानी भी नही हुई. 

कोलकाता नाइटराइडर्स आज रात अपने होमग्राउंड पर सनराइजर्स हैदराबाद से मुकाबला करेगा. कोलकाता जहां तीन में से दो मैच जीतकर बेहतर स्थिति में है वहीं हैदराबाद दो मैच हारकर एक और सीजन संघर्ष करता दिखाई दे रहा है. 

आईपीएल का रोमांच अब सातवें आसमान पर है, इसमे कोई शक नहीं! इस हफ्ते लगातार चार मैचों में मुकाबलों का फैसला बिलकुल आखिरी गेंद पर हुआ. जाहिर है अधिकांश मैचों में बल्लेबाज छाए रहे. ज्यादातर टीमें चेज करती हुई जीत रही हैं. हालांकि, होमग्राउंड पर चेन्नई सुपर किंग्स चेज करने के बावजूद मुकाबला जीत नहीं सकी. 

राजस्थान रॉयल्स ने न केवल चेपॉक में लंबे अंतराल के बाद जीत दर्ज की, बल्कि इस सीजन उनकी चुनौती को हल्के में न लेने का ऐलान भी कर दिया. बावजूद इसके, महेन्द्र सिंह धोनी का क्रेज 41 साल की उम्र में कम नहीं हुआ है, उन्होंने फिर दिखाया कि अगर हौसले बुलंद हो और किस्मत साथ हो तो उम्र सिर्फ एक नंबर से ज्यादा कुछ भी नही है. 

आखिरी ओवर में जीत के लिए 21 रन चाहिए थे और धोनी के दो छक्कों से उम्मीद भी बंध गई थी, लेकिन संदीप सिंह ने उन्हें छक्के से फिनिश नहीं करने दिया. कप्तान के तौर पर अपने 200वें मैच में सिर्फ़ एक रन और बना कर जीत दर्ज करने की उनकी कसक बाकी रह गई. चेन्नई चार मैचों में दूसरी बार हारा और राजस्थान तीसरी बार जीत गया.

इस सप्ताह रोमांच को पंख देने वाले लास्ट बॉल डिसाइडर मैचों में रिंकू सिंह के आखिरी ओवर में लगाये पांच छक्के, रोहित शर्मा की अर्धशतकीय पारी और निकलस पूरन की तूफानी इनिंग्स को कोई कैसे भूल सकता है. रिंकू सिंह ने अपने प्रदर्शन से महफिल लूट ली. 

पिछले मैच में गुजरात टाइटंस के खिलाफ इस युवा बल्लेबाज ने छक्कों की बारिश की और एक असंभव सी लगने वाली जीत दिला दी. गुजरात के खिलाफ आखिरी ओवर में जीत के लिए कोलकाता को 29 रन की जरूरत थी तब रिंकू सिंह ने लगातार पांच गेंदों पर पांच छक्के लगाकर टीम को पूरे अंक दिला गए. 

यश दयाल की गेंद पर लगे इन छक्कों की गूंज ने रिंकू को अचानक ही स्टार बना दिया. उन्होंने किस तरह की बल्लेबाजी की, इसका अंदाजा उनकी 21 गेंदों पर छह छक्कों की मदद से खेली गई नाबाद 48 रन की पारी से लगाया जा सकता है. इस मैच में गुजरात के बड़े स्कोर में साई सुदर्शन और विजय शंकर के अर्धशतक जरूर लगे थे, पर कोलकाता को इंपैक्ट प्लेयर की हैसियत से उतरे वेंकटेश अय्यर ने जीत की ओर मोड़ा. 

वेंकटेश ने लय पकड़ते हुए पांच छक्कों की पारी में 83 रन बना डाले. वेंकटेश पिछले तीन में से दो मैचों में पहले 11 खिलाड़ियों की सूची में नहीं थे, लेकिन इंपैक्ट प्लेयर के रूप में उतरने पर उनका बल्ला खूब चला. 

गुजरात का प्रदर्शन इस सीजन में अब तक उम्मीदें जगाने वाला रहा है. हालांकि, कप्तान हार्दिक पांड्या का खुद का प्रदर्शन शुरुआती मैचों में बेहतर नहीं रहा और खराब सेहत की वजह से उन्हे बेंच पर बैठना पड़ा था. तब टीम की कमान अफगानी स्पिनर राशिद खान ने संभाली जिन्होंने लगातार तीन गेंदों पर विकेट लेकर हैट्रिक जमाई.

इन प्रदर्शनों के बीच दिल्ली कैपिटल्स और मुंबई इंडियंस की चर्चा लाजिमी है. दिल्ली अब तक की एकमात्र टीम है, जिसे एक भी जीत नसीब नहीं हुई. उसे लगातार चार मैचों में हार का सामना करना पड़ा. यह भी बड़ी अजीब बात है कि इस टीम के आस्ट्रेलियाई कप्तान डेविड वार्नर का बल्ला लगातार डंका बजा रहा है, पर टीम को जीत नहीं मिल रही है. 

चार में से तीन पारियों में वार्नर ने अर्धशतक जमाया. जिस एक पारी में वह पचास तक नहीं पहुंचे, उसमें भी उन्होंने 37 रन जोड़े. दिल्ली के साथ परेशानी यह है कि पृथ्वी शॉ लगातार विफल चल रहे हैं. मिचेल मार्श को दो मैचों में बैठना पड़ा है और अक्षर पटेल सिर्फ एक बार पचास की सीमा पार कर सके हैं. टीम की गेंदबाजी भी बेअसर है.

उधर, मुंबई इंडियंस ने तीसरे मैच में जाकर जीत का स्वाद चखा. वह भी फिसड्डी दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ. इस मैच में जीत, कप्तान रोहित शर्मा की  अर्धशतकीय पारी को जाता है. आईपीएल मे 24 मैचों के बाद रोहित का यह पहला पचासा था. पिछले सीजन उनके बल्ले से एक भी अर्धशतक नहीं लगा. और 2021 में भी वह सिर्फ एक अर्धशतक लगा सके थे. 

जाहिर है दिल्ली कैपिट्लस के खिलाफ 45 गेंदों पर 65 रन की पारी से भारतीय कप्तान को काफी राहत मिली होगी. 

इंडियन प्रीमियर लीग में इस समय दो विदेशी बल्लेबाजों का प्रदर्शन खौफ पैदा कर रहा है. डेविड वार्नर के अलावा जोस बटलर राजस्थान रॉयल्स को टेबल पर टॉप की टीमों में शूमार करा रहे हैं. बटलर ने रॉयल्स को चार मैचों में तीन बार अर्धशतक दिए हैं और इन तीनों में ही राजस्थान जीती है. कप्तान संजू सैमसन पिछले दो मैचों में खाता भी नही खोल पाए, लेकिन यशस्वी जायसवाल चार में से दो पारियों में हाफ सेंचुरी लगाकर टीम के काम आ रहे हैं. 

यहां तक कि अब देवदत्त पडिकल भी लय पकड़ रहे हैं. इस दौरान रविचंद्रन अश्विन को कोई कैसे भूल सकता है, जिनके हरफनमौला प्रदर्शन के बल पर सीएसके के खिलाफ राजस्थान को जीत मिली. अश्विन ने पहले 30 रन बनाये और फिर बाद में 25 रन पर दो विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द मैच के हकदार बने.

उधर, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम अभी भी कप्तान फाफ डू प्लेसिस और विराट कोहली की आक्रामक पारी का लाभ नहीं उठा पा रही है. दोनों ने तीन मैचों में दो-दो बार अर्धशतक जमाए हैं. अब तो ग्लैन मैक्सवेल भी हाफ सेंचुरी ठोक चुके हैं. आरसीबी की यह विडंबना रही है कि यह टीम 200 रन बनाकर भी हार जाती है. जैसा कि पिछले मैच में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ रहा.

भारतीय खिलाड़ियों में शिखर धवन लगातार अपने को बीस साबित कर रहे हैं. अगर पहले तीन मैचों को गिने तो उनके बल्ले से दो अर्धशतक निकले और एक पारी मे 40 रन बनाए. शिखर धवन के लिए सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ टीम की हार बेहद निराशाजनक रही. वह केवल एक रन की कमी से सीजन का पहला शतक जमाने से चूक गये. 99 रन बनाकर धवन नाबाद रहे थे. 

अर्शदीप सिंह गेंदबाजी बढिया कर रहे हैं पर विकेट ज्यादा नही निकाल पा रहे हैं. पहले में तीन, दूसरे में दो और तीसरे मैच में केवल एक विकेट मिलना उनकी योग्यता से मेल नहीं खाता.

कप्तान लोकेश राहुल का बल्ला खामोश है. पिछली चार पारियों में उनका उच्चतम स्कोर 35 रहा. ऐसे में अगर टीम जीत रही है तो यह बड़ी बात है. तीन मैचों में जीत दिलाने में निकोलस पूरन के 62, मारकस स्टोइनिश के 65 और आयुष बादोनी के औसतन योगदान वाली पारियों को सराहा जा सकता है. आरसीबी के खिलाफ लखनऊ की जीत इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पहले तीन विकेट मात्र 23 रन गंवाने के बाद भी उसने 213 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया. 

मुंबई इंडियंस के लिए सूर्यकुमार यादव लगातार फेल हो रहे हैं. इस सत्र में भी उनका स्कोर 15, 1 और 0 रहा है. टीम इंडिया के लिए भी वह इस साल इस फोरमेट में कुछ ज्यादा नहीं कर पाए हैं. फिर भी आईसीसी की ताजा टी-20 रैंकिंग में स्काई अब भी टॉप पर हैं.

इधर, बीसीसीआई ने 2023-24 के घरेलू सत्र के लिए तिथियों की घोषणा कर दी है. इसके तहत 28 जून से दलीप ट्रॉफी से सीजन की शुरुआत हो जाएगी. कैलेंडर में तीन सीजन के बाद देवधर ट्रॉफी को फिर शामिल कर लिया गया है. वनडे विश्व कप इस साल भारत में ही होना है, इस कारण घरेलू सत्र एक महीने पहले शुरू किया जा रहा है. 

बोर्ड ने यह भी कहा है कि वह विश्व कप को देखते हुए 12 स्टेडियमों में से पांच सेंटर को अपग्रेड करेंगे. लगभग 500 करोड़ की लागत से दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मोहाली और मुंबई के स्टेडियम को बेहतर किया जाएगा. यह था, सप्ताह भर की क्रिकेट गतिविधियों पर आधारित पॉडकास्ट-सुनो दिल से. संजय बैनर्जी को अनुमति दीजिए नमस्कार.



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