हाइलाइट्स
भारत महिला टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचा
भारत की सफलता में रेणुका सिंह ठाकुर का अहम योगदान
क्रिकेटर बनने के लिए रेणुका ने 13 साल की उम्र में छोड़ा था घर
नई दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका में खेले जा रहे महिला टी20 वर्ल्ड कप (ICC Women’s T20 World Cup 2023) में हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) की अगुआई वाली भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई है. भारत ने बारिश से बाधित मैच में आयरलैंड को डकवर्थ लुईस नियम से 5 रन से हराया. इस मैच में भारत की जीत में स्मृति मंधाना का अहम रोल रहा. स्मृति ने 56 गेंद में 87 रन की पारी खेली. मंधाना जिस तरह बल्लेबाजी में टीम के काम आ रही हैं. ठीक उसी तरह, गेंदबाजी में रेणुका सिंह ठाकुर ये जिम्मेदारी उठा रही हैं. रेणुका सिंह महिला टी20 विश्व कप में अबतक 4 मैच में 7 विकेट ले चुकी हैं. वो टूर्नामेंट में भारत के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं.
रेणुका सिंह ठाकुर को इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किए अभी 2 साल भी नहीं हुए हैं. लेकिन महिला टी20 विश्व कप में वो भारतीय पेस अटैक की अगुआई कर रही हैं. हालांकि, रेणुका के लिए टीम इंडिया तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा. रेणुका को काफी संघर्ष करना पड़ा. वो जब 3 साल की थीं, तभी पिता का निधन हो गया था. रेणुका के पिता हिमाचल प्रदेश के सिंचाई विभाग में काम करते हैं. पिता की मौत के बाद मां को उनके स्थान पर नौकरी मिल गई. ऐसे में मां ने रेणुका और उनके भाई को अकेले पाला. साथ ही पिता के रेणुका को क्रिकेटर बनाने के सपने को भी पूरा किया.
13 साल की उम्र में रेणुका ने घर छोड़ दिया था
रेणुका ने भी क्रिकेटर बनने के लिए 13 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की धर्मशाला स्थित वुमेंस क्रिकेट एकेडमी पहुंच गई. उस वक्त रेणुका दक्षिण अफ्रीका के पेसर डेल स्टेन की बहुत बड़ी फैन थीं. रेणुका हिमाचल प्रदेश की वुमेंस क्रिकेट एकेडमी की पहली बैच की खिलाड़ी हैं. वो शुरू से ही तेज गेंदबाज बनना चाहती थीं. रेणुका की गेंदबाजी काफी हद तक टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार से मेल खाती है. जिस तरह भुवनेश्वर नई गेंद को स्विंग कराते हैं. ठीक उसी तरह रेणुका भी नई गेंद के साथ विपक्षी गेंदबाजों को खूब परेशान करती हैं.
इंग्लैंड के खिलाफ 5 विकेट लिए थे
रेणुका ठाकुर ने महिला टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ मैच में इसे साबित भी किया. उन्होंने उस मैच में 5 विकेट लिए थे. ऐसा करके वो महिला टी20 विश्व कप में 5 विकेट लेने वाली पहली गेंदबाज बनीं थीं. साल 2018-19 में रेणुका को चैलेंजर ट्रॉफी में मौका मिला था. इस टूर्नामेंट में उन्होंने 21 विकेट चटकाए थे. रेणुका ठाकुर के इस प्रदर्शन को देखते हुए इंडिया-ए टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुना गया.
12 महीने के अंदर टी20-वनडे दोनों डेब्यू किया
इसके बाद उन्होंने 2021 में टी20 और फरवरी 2022 में वनडे डेब्यू किया. हालांकि, एक दौर ऐसा भी था, जब घरेलू क्रिकेट में विकेटों का अंबार लगाने के बाद भी इस तेज गेंदबाज को मौका नहीं मिल रहा था. इससे वो कई बार मायूस हो जाती थीं. तब एकेडमी में उनकी साथी सुषमा वर्मा ने उनका हौसला बढ़ाया. सुषमा मायूसी और निराशा से बाहर निकलने के लिए रेणुका को हमेशा चेतेश्वर पुजारा को उदाहरण देती हैं कि कैसे पुजारा को भारतीय टीम में आने के लिए संघर्ष करना पड़ा जबकि वो भी घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे थे.
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झूलन गोस्वामी की जगह लेंगी रेणुका
रेणुका ने भारत के लिए 31 टी20 में 31 और 7 वनडे में 18 विकेट लिए हैं. झूलन गोस्वामी के संन्यास के बाद उनकी भरपाई के लिए भारत को एक तेज गेंदबाज की जरूरत थी. रेणुका ने जिस तरह से आगाज किया है, उससे तो यही उम्मीद है कि वो झूलन की जगह लेने में सफल रहेंगी और इस बार भारत को महिला टी20 विश्व कप का खिताब जिताने में भी सफल रहेंगी.
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Tags: Harmanpreet kaur, ICC T20 Women World Cup, Smriti mandhana, Women cricket, Women’s T20 World Cup
FIRST PUBLISHED : February 21, 2023, 06:27 IST