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हैरिस शील्ड ट्रॉफी के मैच में विनोद कांबली ने 349 रन बनाए थे और सचिन तेंदुलकर ने 326. इस मैच में कांबली ने महज 37 रन देकर 6 विकेट भी झटके थे. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सचिन और कांबली के गुरु रमाकांत आचरेकर उन्हें तेंदुलकर से ज्यादा प्रतिभावान मानते थे, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने के बाद वह खुद को संभाल नहीं पाए. कहते हैं कि अपनी खराब आदतों, शराब का नशा, पार्टियों का शौक और बुरे व्यवहार की वजह से उनका करियर वक्त से पहले ही खत्म हो गया. (Vinod Kambli/Instagram)
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