Washington Sundar performed brilliantly with both bat and ball in the Border Gavaskar Trophy in 2020

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हाइलाइट्स

वॉशिंगटन सुंदर ने अपने टेस्ट डेब्यू में कमाल का प्रदर्शन किया था.
वॉशिंगटन सुंदर ने अपने पिता की देखरेख में क्रिकेट खेला.

नई दिल्ली. इंटरनेशनल लेवल पर क्रिकेट खेलने के लिए खिलाड़ियों को काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं. इन दिनों भारत में कुछ खिलाड़ी एक के बाद एक सीढ़ी ऊपर चढ़ते जा रहे हैं. उन सभी ने कहीं न कहीं अपने करियर में काफी उतार-चढ़ाव का सामना किया है. उनमें से एक नाम भारत के युवा ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर का भी है. जिन्होंने मॉडर्न क्रिकेट में ओल्ड फैशन स्पिन को ही अपनी ताकत बनाकर दिखा दिया. लेकिन शुरुआत में उन्हें मौके के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था.

वाशिंगटन सुंदर के मन में अपने पिता को देखकर क्रिकेट को लेकर दिलचस्पी बढ़ गई थी. 10 साल की उम्र से ही उनके पिता ने उन्हें एक ऑलराउंडर की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी. क्रिकेट का कीड़ा सुंदर के मन में ऐसा था, कि 7 साल की उम्र में उनके हेल्मेट में गेंद लगी. जिसके बाद उनके टाके भी लगे, लेकिन इस खिलाड़ी ने इसी हालत में अपने स्कूल की तरफ से शानदार पारी खेली. बचपन से ही सुंदर को एक कान से नहीं सुनाई देता है. लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. 2016 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में उन्होंने अपनी जगह पक्की की और अपना जलवा बिखेर ही दिया. उसी साल उन्होंने रणजी में भी डेब्यू किया, लेकिन यह सीजन उनके लिए अच्छा नहीं रहा. जिसके बाद उन्हें सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी से सुंदर को ड्रॉप कर दिया गया.

टी20 में पहली बार ही दिखाया कमाल

तमिलनाडु की तरफ से खेलते हुए सुंदर ने कई बार बल्ले और गेंद दोनों से कमाल दिखाया था. सुंदर का हुकुम का इक्का तब चला जब आईपीएल 2017 में अश्विन चोटिल हो गए थे. जिसके बाद उन्हें राइजिंग पूणे सुपरजाइंट्स की तरफ से खेलने का मौका मिला. उन्होंने इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. वह उस अपने डेब्यू सीजन में बेस्ट इकोनोमिकल गेंदबाज रहे. यह प्रदर्शन उन्होंने ओल्ड फैशन स्पिन को अपनी चतुराई के दम पर किया था.

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टेस्ट डेब्यू में किया था कमाल

इस खिलाड़ी ने वनडे और टी20 में 2017 में अपना डेब्यू किया था. लेकिन असली कमाल उन्होंने दिखाया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू में. उस दौरान सुंदर ने ऑस्ट्रेलिया में भारत की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई थी. वह ऐसे तीसरे खिलाड़ी थे जिन्होंने अपने टेस्ट डेब्यू में अर्धशतक के साथ तीन विकेट भी अपने नाम किए हों. उसके बाद यह नाम आगे आता गया और अब सुंदर एक के बाद एक सीढ़ी चढ़ते जा रहे हैं.

Tags: Border Gavaskar Trophy, Team india, Washington Sundar



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